वर्तमान शिक्षा प्रणाली को परिवर्तन करना बहुत जरूरी:-डॉ.राजा धुर्वे रायसेन के सिलवानी तहसील में गोंडवाना साम्राज्य की विरांगना रानी दुर्गावती ,आदिवासी समाज के महानायक पुंजा भील, और गोंडवाना धर्म संस्कृति के संस्थापक एवँ आदिगुरु पहांदी पारी कुपार लिंगो का जन्मोंउत्सव हर्सोल्लास से मनाया गया-------------------------------------------एमसीआई टीम को रायसेन में आमंत्रित करने हेतु आदरणीय श्री संतोष उइके जी को बहुत बहुत धन्यवाद प्रेषित---------
एमसीआई बैतुल के डायरेक्टर डॉ.राजा धुर्वे 13 अक्टूबर दिन रविवार को रायसेन जिले के सिलवानी तहसील में गोंडवाना साम्राज्य की विरांगना रानी दुर्गावती ,आदिवासी समाज के महानायक पुंजा भील, और गोंडवाना धर्म संस्कृति के संस्थापक एवँ आदिगुरु पहांदी पारी कुपार लिंगो के जन्मोंउत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पहुँच कर रायसेन जिले के सभी सगाजनों को उदबोधन देते हुए कहा कि किसी भी समाज को विकास की धारा में जोड़ने के लिए हमें अच्छी शिक्षा हासिल करना पड़ेगा,एवँ इसके साथ ही स्वरोजगार के क्षेत्र में भी आगे पहल करनी पड़ेंगी,और यह तब ही संभव हो पायेगा,जब हमारे युवा पीढ़ी एक सही दिशा में,अनुशासन ओर सही लक्ष्य को लेकर आगें बढ़ेंगे, इसके साथ ही वर्तमान शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय में जिस प्रकार से शिक्षा स्तर नीचे गिर रहा है,यदि इसे सही समय मे नियंत्रित नही किया गया तो आने वाले समय में स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो जाएगी,किसी देश का विकास उस देश की शिक्षा प्रणाली पर निर्भर होता है, क्योंकि देश की उन्नति के लिए हर व्यक्ति जिम्मेदार है और वो ही देश को अपने ज्ञान, संस्कार और अच्छे आचरण के जरिये देश को बुलंदियों पर पंहुचा सकता है,आज का शिक्षित वर्ग ही देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चला सकता है किन्तु अगर शिक्षा प्रणाली ही ठीक न हुई तो उस देश का भविष्य अंधकारमय हो सकता है, आज जरुरत है एक अच्छी शिक्षा प्रणाली की जिससे ज्ञानवान और एक अच्छे आचरण वाला व्यक्ति बन सके!आजकल हर जगह शिक्षा प्रसार की नई-नई योजनाएं बन रही हैं। हमारी राष्ट्रीय सरकार इस बात की घोषणा कर चुकी है कि वह शीघ्र ही देश से निरक्षरता को मिटा देगी। परन्तु विचार यह करना है कि हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली कैसी है और वह किस प्रकार के जीवन का निर्माण कर रही है तथा हमारी शिक्षा वास्तव में कैसी होनी चाहिए।
आजकल हमारी शिक्षा की व्यवस्था वास्तव में बहुत दोषयुक्त हो गई है,इसको मिटाकर हमें ऐसी शिक्षा-दीक्षा का विधान करना होगा जो हमें स्वयं अपने ऊपर विजय प्राप्त कर सकने में समर्थ बना सके,ज्ञान का अन्तिम लक्ष्य चरित्र निर्माण ही होना चाहिये,जब तक शिक्षा के कुछ उद्देश्य निर्धारित नहीं होंगे तब तक शिक्षा प्रणाली में कोई सुधार नहीं हो सकता, इस देश के जनतंत्र को सफल बनाने के लिए प्रत्येक बालक को सच्चा, ईमानदार तथा कर्मठ नागिरक बनाना परम आवश्यक है अत: शिक्षा का परम उद्देश्य बालक को जनतांत्रिक नागरिकता की शिक्षा देना है,इसके लिए बालकों को स्वतंत्र तथा स्पष्ट रूप से चिन्तन करने एवं निर्णय लेने को योग्यता का विकास परम आवश्यक है, जिससे वे नागरिक के रूप में देश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक सभी प्रकार की समस्याओं पर स्वतंत्रतापूर्वक चिन्तन और मनन करके अपना निजी निर्माण लेते हुए स्पष्ट विचार व्यक्त कर सकें,अतःआप युवा पीढ़ी एवँ समस्त पालकों से निवेदन है कि सभी समाज के लोगों को मिलकर वर्तमान शिक्षा नीति को परिवर्तित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए,ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी गुणवत्तायुक्त शिक्षा हासिल कर समाज और देश का विकास में भागीदारी कर सकें,एवं इसके साथ साथ आज युवा पीढ़ी को स्वरोजगार के क्षेत्र में कदम बढ़ाना चहिए,ताकि समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाये जा सकें,एवं एमसीआई बेतुल के डायरेक्टर डॉ.राजा धुर्वे(एमबीबीएस) ने कहा कि भविष्य में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट्स को कैरियर मार्गदर्शन हेतु रायसेन जिले में सेमिनार आयोजित करेंगी, आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद ---------
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