पुलिस हमारी आंतरिक सुरक्षा की पहली दीवार है:डॉ. राजा धुर्वे वर्दी देश की शान और गुमान को पहन कर चलते हैं, पुलिस वाले है जान को हथेली पर रख कर चलते हैं--------------------------------------------- देश-समाज की बेहतरी के लिए शहादत धारण करना एक पवित्र संकल्प की तरह भी है. इसलिए इस दिवस का स्मरण प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य भी है,पुलिस नाम की जो संस्था है, उसका काम पीड़ित व सताये हुये लोगों के दु:खों को दूर करना है,इसका विकास हर देश समाज तथा कालखंड में बदलती परिस्थितियों के अनुसार होता रहा है,पुलिस शक्ति की विचारधारा उतनी ही पुरानी है, जितनी की मानव सभ्यता जैसे-जैसे सभ्यता का विकास होता गया, लोगों के बीच व्यवस्था बनाये रखने की आवश्यकता बढ़ती गयी,इस विकास यात्रा की लंबी और गहरी ऐतिहासिकता रही है पुलिस हमारी आंतरिक सुरक्षा की पहली दीवार है,आतंकवादी हमला, नक्सली हमला, धार्मिक दंगा, डकैती, लूट, अतिक्रमण हटाने से लेकर जंगल तथा खनन माफियाओं पर लगाम, हिंसक भीड़ से जानमाल की सुरक्षा आदि अनेका कार्य पुलिस के दायित्वों में शामिल हैं,अवकाश का दिन और न ही ड्यूटी के घंटे निर्धारित हैं. लोगों के लिए होली, दीवाली, ईद,मेले, उत्सव सब हैं, परंतु पुलिस के लिए इन त्योहारों का अर्थ सिर्फ ड्यूटी है. यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि पुलिस के कार्यों में समाज की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है,शहरी क्षेत्रों में 1000 व्यक्तियों पर एक पुलिसकर्मी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 1500 व्यक्तियों पर एक पुलिसकर्मी का अनुपात है. जाहिर है इस दायित्व और वास्तविक स्थिति के बीच बड़ा गैप है. ऐसे में महज आलोचना से नहीं, बल्कि पुलिस को साधन संपन्न, पारदर्शी, निष्पक्ष और जवाबदेह बनाने की जरूरत है. जरूरत है एक ऐसे मॉडल पुलिस की जो 21वीं सदी में पुलिस लोगों की हिमालयी अपेक्षाओं पर खरा उतरने लिए कारगर हो.देश में महत्वपूर्ण थानों को अपग्रेड कर पुलिस निरीक्षक को स्तरीय बनाकर, डीएसपी-एसडीपीओ के पदों को बढ़ाकर, ट्रैफिक में पदों को बढ़ाकर व्यवस्था में सुधार किया जाता सकता है. नयी व्यवस्था के तहत हर रैंक में हर जिले में स्मार्ट पुलिसकर्मी-पदाधिकारी का अवार्ड देकर पुलिस को स्मार्ट व जवाबदेह बनने की दिशा में बढ़ा जा सकता हैसभी की नजर जुर्माने पर है पर कोई ये नही कहता कि हम कुछ बेहतर बने जिससे जुर्माना नही भरना पड़े,ये रोड पर खड़ा ट्राफिक का सिपाही जो तुमको विलेन नजर आता है अगर ये नही हो तो शायद कार वाला बाइक वाले को ओर ट्रक वाला कार को इस रोड पर नही चलने दे----
Meditech Career institute Betul
Jay hind
ReplyDeleteनिश्चित ही पुलिस का रोल देश में दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। आये दिन अपराध यह सिद्ध करते हैं कि पुलिस के बिना अच्छे कानून व्यवस्था की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ऐसे में आम नागरिकों का भी दायित्व बनता है कि पुलिस की मदद करें और बेहतर व सुरक्षित समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दें।
ReplyDeleteइमरतलाल धुर्वे
ReplyDeleteउपनिरीक्षक