पहले अपनी योग्यता को पहचानें और फिर लक्ष्य चुनें:डॉ.राजा धुर्वे आमला तहसील के शासकीय सीनियर अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास में स्टूडेंट्स को दिया कैरियर मार्गदर्शन:--
कहते है कि यदि स्टूडेंट्स को सही समय में सही मार्गदर्शन मिल जाए तो वह उचित समय में सफलता को अर्जित कर लेता हैं,मेडिटेक कैरियर इंस्टीट्यूट बैतुल के डायरेक्टर डॉ.राजा धुर्वे ने आमला तहसील शासकीय सीनियर अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास में स्टूडेंट्स को मार्गदर्शन देते हुये कहा कि यदि आपको भविष्य में मेडिकल,इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं, सिविल सर्विसेस परीक्षाओं या किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होना है तो सबसे अपनी योग्यता के अनुसार ही लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए,एवं आपको क्षमताओं के अनुरूप ही अपना लक्ष्य तैयार करना चाहिए, हालांकि लगातार क्षमता बढ़ाने की कोशिश भी करनी चाहिए,हर व्यक्ति जीवन में आगे बढऩे की योजना बना रहा है, पर कुछ ही ऐसे इंसान होते हैं जो सफल हो पाते हैं,ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वे अपनी क्षमताओं का सही तरह से मूल्यांकन कर लेते हैं,उनमें जो कमी होती है, उसे पहचानकर दूर करने की कोशिश करते हैं,अगर अपनी क्षमताओं को पहचाने बिना लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं तो आप विफल हो सकते हैं। आपको क्षमताओं के अनुरूप ही अपना लक्ष्य तैयार करना चाहिए, हालांकि लगातार क्षमता बढ़ाने की कोशिश भी करनी चाहिए,अनुभवों से सीखने की कोशिश आप अपने जीवन से लगातार सीखते हैं। अगर आप ने अपनी गलतियों से ही सीखना बंद कर दिया तो आप बार-बार गलत निर्णय लेंगे। ऐसा कहा भी जाता है कि हम अपनी गलतियों को ही अनुभवों का नाम देते हैं। एक बार आप अपनी क्षमताओं को ठीक तरह से पहचान गए तो आप उनका प्रभावी इस्तेमाल कर सकेंगें। हार से उबरने और नई शुरुआत करने के तरीके का अनुभव आपके हमेशा काम आएगा। एक कहावत है कि मूर्ख आदमी गलतियों से कोई सबक नहीं लेता, समझदार अपनी गलतियों से सबक लेता है और बुद्धिमान दूसरों की गलतियों से भी सबक लेता है।वैज्ञानिक सोच को दें महत्व आपको स्थितियों को भांपते हुए वैज्ञानिक सोच के साथ फैसला करना चाहिए कि आपके लिए पुराने लक्ष्य पर टिके रहना कितना फायदेमंद है। किसी पुराने लक्ष्य पर टिके रहने और नई शुरुआत के साथ जुड़े रिस्क फैक्टर के बीच संतुलन बनाने का काम आपको ही करना पड़ता है। इसके लिए आपको अपनी स्थितियों के अनुसार फैसले लेने होते हैं। याद रखिए कि अगर आप पुराने लक्ष्यों पर अड़े रहेंगें तो आप भविष्य में आने वाले किसी सुनहरे मौके को हाथों-हाथ नहीं ले पाएंगे,अपनी क्षमताओं पर गौर करें अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करना जरूरी है,आप हर फील्ड में एक्सपर्ट नहीं हो सकते। हर इंसान की अपनी कमजोरियां और खूबियां होती हैं, जिनका ठीक-ठीक पता उस व्यक्ति को ही होता है। अगर यह सोचते हैं कि आप दुनिया के हर काम को पूरे परफेक्शन के साथ कर लेंगे तो ऐसा सोचना गलत है,खुद को पहचानने से फायदा आपने यह तो सोच लिया कि आपको डॉक्टर बनना है या पुलिस ऑफिसर, लेकिन क्या आपने अपनी कमजोरियों का सही तरीके से आकलन कर लिया,हम लक्ष्य तय करने में कई बार बहुत जल्दी कर देते हैं या यूं कहें कि उससे जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हम गौर ही नहीं कर पाते। इसलिए पहले खुद को पहचानें और फिर कॅरियर चुनें, खुद को पहचानने के बाद आप अपनी क्षमताओं का सही दिशा में विकास कर सकते हैं और अपना सफल भविष्य निर्माण कर सकते हैं,एवं इसके साथ ही आदरणीय श्री कैलाश सलामे सर ने स्टूडेंट्स को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए एक लक्ष्य को चुनकर कर उसे पाने के लिए कठिन परिश्रम करने से लक्ष्य को आसानी से पाया जा सकता हैं,एवँ एमसीआई बैतुल के संगीत शिक्षक मुकेश धुर्वे ने बच्चों को संगीत के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया,एमसीआई बैतुल के इस कैरियर मार्गदर्शन को फेसबुक लाइव के माध्यम से आपके सम्मुख एमसीआई के कमलेश उइके एवँ सोनू इवने का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा,एमसीआई टीम का आभार होस्टल अधीक्षक श्री आर. एन धुर्वे सर,कैलाश सलामे सर एवँ दवन्दे सर और समस्त स्टूडेंट्स ने किया है...........
कहते है कि यदि स्टूडेंट्स को सही समय में सही मार्गदर्शन मिल जाए तो वह उचित समय में सफलता को अर्जित कर लेता हैं,मेडिटेक कैरियर इंस्टीट्यूट बैतुल के डायरेक्टर डॉ.राजा धुर्वे ने आमला तहसील शासकीय सीनियर अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास में स्टूडेंट्स को मार्गदर्शन देते हुये कहा कि यदि आपको भविष्य में मेडिकल,इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं, सिविल सर्विसेस परीक्षाओं या किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होना है तो सबसे अपनी योग्यता के अनुसार ही लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए,एवं आपको क्षमताओं के अनुरूप ही अपना लक्ष्य तैयार करना चाहिए, हालांकि लगातार क्षमता बढ़ाने की कोशिश भी करनी चाहिए,हर व्यक्ति जीवन में आगे बढऩे की योजना बना रहा है, पर कुछ ही ऐसे इंसान होते हैं जो सफल हो पाते हैं,ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वे अपनी क्षमताओं का सही तरह से मूल्यांकन कर लेते हैं,उनमें जो कमी होती है, उसे पहचानकर दूर करने की कोशिश करते हैं,अगर अपनी क्षमताओं को पहचाने बिना लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं तो आप विफल हो सकते हैं। आपको क्षमताओं के अनुरूप ही अपना लक्ष्य तैयार करना चाहिए, हालांकि लगातार क्षमता बढ़ाने की कोशिश भी करनी चाहिए,अनुभवों से सीखने की कोशिश आप अपने जीवन से लगातार सीखते हैं। अगर आप ने अपनी गलतियों से ही सीखना बंद कर दिया तो आप बार-बार गलत निर्णय लेंगे। ऐसा कहा भी जाता है कि हम अपनी गलतियों को ही अनुभवों का नाम देते हैं। एक बार आप अपनी क्षमताओं को ठीक तरह से पहचान गए तो आप उनका प्रभावी इस्तेमाल कर सकेंगें। हार से उबरने और नई शुरुआत करने के तरीके का अनुभव आपके हमेशा काम आएगा। एक कहावत है कि मूर्ख आदमी गलतियों से कोई सबक नहीं लेता, समझदार अपनी गलतियों से सबक लेता है और बुद्धिमान दूसरों की गलतियों से भी सबक लेता है।वैज्ञानिक सोच को दें महत्व आपको स्थितियों को भांपते हुए वैज्ञानिक सोच के साथ फैसला करना चाहिए कि आपके लिए पुराने लक्ष्य पर टिके रहना कितना फायदेमंद है। किसी पुराने लक्ष्य पर टिके रहने और नई शुरुआत के साथ जुड़े रिस्क फैक्टर के बीच संतुलन बनाने का काम आपको ही करना पड़ता है। इसके लिए आपको अपनी स्थितियों के अनुसार फैसले लेने होते हैं। याद रखिए कि अगर आप पुराने लक्ष्यों पर अड़े रहेंगें तो आप भविष्य में आने वाले किसी सुनहरे मौके को हाथों-हाथ नहीं ले पाएंगे,अपनी क्षमताओं पर गौर करें अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करना जरूरी है,आप हर फील्ड में एक्सपर्ट नहीं हो सकते। हर इंसान की अपनी कमजोरियां और खूबियां होती हैं, जिनका ठीक-ठीक पता उस व्यक्ति को ही होता है। अगर यह सोचते हैं कि आप दुनिया के हर काम को पूरे परफेक्शन के साथ कर लेंगे तो ऐसा सोचना गलत है,खुद को पहचानने से फायदा आपने यह तो सोच लिया कि आपको डॉक्टर बनना है या पुलिस ऑफिसर, लेकिन क्या आपने अपनी कमजोरियों का सही तरीके से आकलन कर लिया,हम लक्ष्य तय करने में कई बार बहुत जल्दी कर देते हैं या यूं कहें कि उससे जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हम गौर ही नहीं कर पाते। इसलिए पहले खुद को पहचानें और फिर कॅरियर चुनें, खुद को पहचानने के बाद आप अपनी क्षमताओं का सही दिशा में विकास कर सकते हैं और अपना सफल भविष्य निर्माण कर सकते हैं,एवं इसके साथ ही आदरणीय श्री कैलाश सलामे सर ने स्टूडेंट्स को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए एक लक्ष्य को चुनकर कर उसे पाने के लिए कठिन परिश्रम करने से लक्ष्य को आसानी से पाया जा सकता हैं,एवँ एमसीआई बैतुल के संगीत शिक्षक मुकेश धुर्वे ने बच्चों को संगीत के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया,एमसीआई बैतुल के इस कैरियर मार्गदर्शन को फेसबुक लाइव के माध्यम से आपके सम्मुख एमसीआई के कमलेश उइके एवँ सोनू इवने का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा,एमसीआई टीम का आभार होस्टल अधीक्षक श्री आर. एन धुर्वे सर,कैलाश सलामे सर एवँ दवन्दे सर और समस्त स्टूडेंट्स ने किया है...........
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