सतत् संघर्ष और प्रत्यनो से मिलती है सफलता:डां.राजा धुर्वे
एक समय था जब आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले को कोई भी कोचिंग के नाम पर जानता नहीं था जब प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग की तैयारी की बात जुबान पर आती थी तो सभी महानगर भोपाल, इंदौर, नागपुर, दिल्ली, कोटा ही बात करता था। लेकिन कुशल नेतृत्व करता और यशस्वी एवं वक्तव्य कला में महारत हासिल हुए ने आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले को शिक्षा के क्षेत्र में कुछ देने के लिए अपना हाथ बढ़ाया और आज एमसीआई का नाम विद्यार्थियों की जुबान पर छा गया है। डॉक्टर राजा धुर्वे के द्वारा कोचिंग के नाम पर बोया बीज न सिर्फ आज पौधा बन गया है बल्कि वट वृक्ष का रूप धारण कर चुका है।यही वजह है कि आए दिन एमसीआई के डायरेक्टर सहित कुशल शिक्षक को कैरियर मार्गदर्शन के लिए जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य शहरों में भी सम्मान बुलाया जा रहा है। एमसीआई कि यदि रॉकेट की गति से प्रतिध्द पा रहा है तो इसके पीछे सभी की अथक मेहनत और परिश्रम छिपा हुआ है। यही वजह है कि डॉक्टर राजा धुर्वे हमेशा कहते कि सतत संघर्ष और प्रयत्नों से मिली सफलता की स्थाई होती है। वही कमलेश धुर्वे केएलडी कोचिंग मासोद कहते हैं कि कामयाबी या सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। यह बात एमसीआई के कुशल डायरेक्टर और शिक्षकों ने प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान जगह कैरियर मार्गदर्शन करें।
रुचि, योग्यता, प्रवीणता, परिश्रम,आत्मविश्वास से ही सफलता संभव:-डॉ.राजा धुर्वे
एमसीआई बैतुल ने स्टूडेंट्स को दिया प्रतिभा सम्मान एवँ कैरियर मार्गदर्शन में दिया कैरियर मार्गदर्शन:-
डां.राजा धुर्वे ने बताया केसे करे विषय चयन?
जिले की सबसे अग्रणी कोचिंग संस्थान मेडिटेक कैरियर इंस्टिट्यूट बैतुल के द्वारा मुलताई तहसील के के ग्राम-मासोद में स्थित केएलडी कोचिंग संस्थान में कैरियर मार्गदर्शन दिया एवं 10 कक्षा वी में उत्कृष्ट अंक अर्जित करने वाले 25-30 से प्रतिभावान स्टूडेंट्स का सम्मान भी किया गया,कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम में बैतुल जिले की अग्रणी कोचिंग संस्थान मेडिटेक कैरियर इंस्टीट्यूट बैतुल की टीम के डायरेक्टर डॉ.राजा धुर्वे(एमबीबीएस),मुकेश धुर्वे,सोनू इवने एवँ कमलेश उइके एवँ केएलडी कोचिंग के संचालक आदरणीय कमलेश धुर्वे जी और हमारे जिले की इंग्लिश के क्षेत्र में जानी मानी कोचिंग मिरेकल अकादमी संस्थान के संचालक श्री कृष्णाकुमार पारदे सर जी की उपस्थित थे,इस कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम में बच्चों को प्रमुख रूप से 10 वी कक्षा पास होने के बाद विषय चयन में होने वाली समस्याओं का निराकरण किया गया एवँ इसके साथ ही 12 वी कक्षा पास होने के बाद कैरियर का चुनाव करने के समय होने वाली समस्या का भी निराकरण किया गया,इसमे,बच्चों को प्रमुख रूप से मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं ,इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं ओर सिविल सर्विसेस परीक्षाओं में चयनित होने के लिए कुछ तरीके ,रणनीति बच्चों को बताया गया।
सफलता के लिए जरूरी रुचि आत्मविश्वास
मेडिटेक कैरियर इंस्टीट्यूट बैतुल के डायरेक्टर डॉ.राजा धुर्वे ने बच्चों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि किसी भी स्टूडेंट्स या किसी भी व्यक्ति के सफलता में आत्मविश्वास,रुचि, योग्यता, प्रवीणता, परिश्रम,ये कुछ ऐसे शब्द हैं जो सफलता को निर्धारित करते हैं,हालांकि इन शब्दों का अलग-अलग भी काफी महत्व है, पर जब ये एक साथ मिल जाते हैं, तो व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित होती है,मन लगाकर किया गया कोई भी काम व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाता है, जबकि बेमन और अरुचि से किया गया काम नकारात्मक परिणाम देता है,आप थोड़ी देर के लिए जरा अपने अतीत में झांकिए,ऐसे दो कार्यों को याद कीजिए, जिनमें से एक को आपने अपनी रुचि से किया हो और दूसरी को अरुचि से,परिणाम को याद कीजिए। आप पाएंगे कि रुचि के काम में आपको ज्यादा सफलता मिली,किसी काम में दिलचस्पी आपको वह ऊर्जा देती है,जिससे राह की तमाम मुश्किलें भी आसान हो जाती हैं,रुचि के बाद सफलता के लिए जरूरी आधार है योग्यता,अपनी योग्यता और अपनी क्षमता को बढ़ाने की कोशिश कीजिए,इसके लिए योजना तैयार कीजिये,और संबंधित क्षेत्र में अपनी जानकारी दुरुस्त रखिए,योग्यता होने पर ही आप खुद को अव्वल बना सकते हैं,प्रतियोगिता के इस जमाने में सफलता इतनी आसान नहीं है। इसके लिए आपको प्रवीण बनना होगा, यानी आप खुद को इतना कुशल बनाएं कि बाकी लोगों से आगे निकल जाएं। यही प्रवीणता है,अपनी योग्यता में निखार लाकर आप खुद को प्रवीण बना सकते हैं,प्रत्येक व्यक्ति में कुछ-न-कुछ ऐसे गुण ज़रूर होते हैं, जो उसे खास और दूसरों से अलग बनाते हैं। पर जब लापरवाही के कारण आपको अपनी खासियत पर नजर नहीं जाती, तो वह गुण उभर कर सामने नहीं आ पाते,इसलिए अपनी रुचि को पहचानें और अपनी योग्यता को विकसित करें। फिर दुनिया की कोई भी ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती,नि:संदेह मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है। रुचि के अनुरूप योग्यता तभी विकसित होगी, जब आप कठिन परिश्रम करेंगे। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको अपना 100 प्रतिशत देना होगा, इसलिए खुद को पहचानें, अपने गुणों को परखें और फिर सुव्यवस्थित योजना के अनुसार काम करते हुए दुनिया को जीत लें।
कामयाबी या सफलता का कोई सॉर्टकर्ट नहीं होता:-कमलेश धुर्वे-------
केएलडी कोचिंग संस्थान के डायरेक्टर कमलेश धुर्वे जी ने भी बच्चों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि सभी को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि कामयाबी या सफलता का कोई सॉर्टकर्ट नहीं होता,कामयाबी के लिए आपको हीं मेहनत करनी है। सॉर्टकर्ट से पाई हुई सफलता भी सॉर्ट टाइम के लिए ही होती है। इसलिए कोशिश करें कि कामयाबी को अपने मेहनत से पाएं ना कि झुठी मेहनत का दिखावा कर के,सफलता पाना और न पाना दोनों ही अपने हाथ में होती है। जो इंसान खुद को समझ जाता है उसके लिए कामयाबी पाना कोई मुश्किल काम नहीं होता,इसलिए जो लोग ये सोच-सोच कर परेशान होते हैं कि वे कामयाब कैसे बनेंगे या थोड़ी परेशानी पाकर हताश हो जाते हैं। उनके लिए सबसे आसान तरीका यह है कि सबसे पहले खुद को जानों,एक मनुष्य में ईश्वर जैसी ही शक्ति होती है। बस पहचानने भर की मुश्किल होती है। जिस इंसान ने अपने अंदर की शक्ति को पहचान लिया समझो उसने अपनी जिंदगी का पूरा काम कर लिया,एवँ मिरेकल अकादमी संस्थान के संचालक श्री कृष्णाकुमार पारदे सर ने कहा कि अंग्रेजी बोलने का महत्व एक नई भाषा सीखना कभी भी किसी को चोट नहीं पहुंचाता है।इसके विपरीत, इसने केवल व्यक्ति के दिमाग को संभावनाओं और अवसरों की एक पूरी नई दुनिया में खोला है,अंग्रेजी में संवाद करने में असमर्थता व्यक्ति के प्रवेश योग्यता पर गंभीर प्रश्न चिह्न डाल सकती है,जब सही नौकरी खोजने या सरकारी विभाग या निजी निगमों के साथ एक आकर्षक करियर शुरू करने की बात आती है तो अंग्रेजी का एक ध्वनि ज्ञान भी आवश्यक होता है,आगे बढ़ने का हर मौका है कि पेशे की आपकी पसंद अंग्रेजी भाषा के अच्छे ज्ञान के साथ विदेशियों के साथ लगातार बैठकों और बातचीत को अनिवार्य कर सकती है।ऐसे समय पर आपको अपने व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उचित अंग्रेजी में स्पष्ट रूप से बातचीत करने की उम्मीद की जाएगी,प्रभावशाली ढंग से संवाद करने में कोई भी विफलता सिर्फ आपके करियर की आकांक्षाओं को समाप्त कर सकती है ,यह एक कौशल बना रही है कि प्रत्येक नौकरी उम्मीदवार अपने फिर से शुरू करने के लिए प्यार करना चाहेंगे।इसके अलावा यह एक प्रसिद्ध तथ्य है कि जो कर्मचारी अंग्रेजी में कुशल हैं, वे बैठकों में अधिक प्रभावी होते हैं,प्रस्तुतिकरण,कॉर्पोरेट बातचीत, प्रबंधन और नौकरी से संबंधित सामाजिक जुड़ाव करते हैं,एमसीआई बैतुल के संगीत शिक्षक मुकेश धुर्वे जी ने बच्चों संगीत के क्षेत्र में भविष्य निर्माण करने हेतु मार्गदर्शन देते हुए कहा कि वर्तमान समय हर कोई संगीत का क्षेत्र ऐसा है जहाँ पर स्टूडेंट्स अपना बेहतर भविष्य निर्माण कर समाज मे एक अपनी अलग ही पहचान बना सकता हैं, मुकेश धुर्वे ने बच्चों को संगीत के क्षेत्र में होने वाले पाठ्यक्रम और उनसे संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया,इस कैरियर मार्गदर्शन एवं प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में प्रमुख रूप से एमसीआई टीम,केएलडी संस्थान मासोद, मिरेकल इंग्लिश अकादेमी बैतुल और सम्मानीय श्री सुरेश मरकाम सर(शिक्षक),श्री कृष्णा पन्द्राम सर (शिक्षक),कमलेश पवार सर (शिक्षक),श्री शंकर धोठे जी,श्री अवि कुमरे जी (आदिवासी छात्र संघ अध्यक्ष प्रभातपट्टन),श्री गुलाबसिंग ठाकुर(उपसरपंच मासोद),श्री साहेबराव साकरे एवँ श्री भौरव बिसन्द्र जी उपस्थित थे----
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