शिक्षित होने का मतलब क्या है ?
हमें शिक्षित किसे मानना चाहिए हैं।
पहले,वे जो रोजाना आने वाले हालात का सामने सही ढंग से करते हैं और वे जो हालात से सामना होने पर सही निर्णय लेने और सही कदम उठाने में शायद ही कभी चुकते हो।
दूसरे, वे जो दूसरे के साथ व्यवहार में बड़प्पन दिखाते हैं दूसरों के और अप्रिय व्यवहार और बातों का बुरा नहीं मानते और अपने सहयोगियों के साथ उतने भले होते हैं , जितना कि एक इंसान हो सकता है।
और आगे ,अपनी खुशियों पर काबू रखते हैं, और कठिनाइयों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते ,और कठिन परिस्थितियों का मुकाबला एक बहादुर इंसान की तरह करते हैं जो इंसानी फितरत है।
और सबसे बड़ी बात है कि वे लोग जो सफलता मिलने पर बिगड़ते नहीं जो अपनी असलियत से मुंह नहीं ,मोड़ते साथ ही बुद्धिमान और धीर -गंभीर व्यक्ति की तरह दृढ़ता से जमीन पर पैर जमाए रखते हैं ;तो कैसे मिली अच्छी चीजों पर खुश होने की वजह जन्म से मिली काबिलियत और बुद्धि से प्राप्त कामयाबी पर खुश होते हैं खुश होने की ऐसी प्रवृत्ति उनकी बचपन से ही होती है।
जिन लोगों के चरित्र में इनमें से एक दो नहीं बल्कि सारे गुण हैं जिन्होंने यह सभी बातें सीखे वही सर्वगुण संपन्न सच्चे और तुम शिक्षित है
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